Mon. Oct 13th, 2025

Lalitha Pancha Ratnam | ललिता पञ्च रत्नम्

प्रातः स्मरामि ललिता वदनारविन्दं
बिम्बाधरं पृथुल मौक्तिक शोभिनासम् ।
आकर्णदीर्घनयनं मणिकुण्डलाढ्यं
मन्दस्मितं मृगमदोज्ज्वल फालदेशम् ॥ 1 ॥

प्रातर्भजामि ललिता भुजकल्पवल्लीं
रक्ताङ्गुलीय लसदङ्गुलि पल्लवाढ्याम् ।
माणिक्य हेमवलयाङ्गद शोभमानां
पुण्ड्रेक्षुचाप कुसुमेषु सृणीर्दधानाम् ॥ 2 ॥

प्रातर्नमामि ललिता चरणारविन्दं
भक्तेष्ट दाननिरतं भवसिन्धुपोतम् ।
पद्मासनादि सुरनायक पूजनीयं
पद्माङ्कुशध्वज सुदर्शन लाञ्छनाढ्यम् ॥ 3 ॥

प्रातः स्तुवे परशिवां ललितां भवानीं
त्रय्यन्तवेद्य विभवां करुणानवद्याम् ।
विश्वस्य सृष्टविलय स्थितिहेतुभूतां
विद्येश्वरीं निगमवाङ्ममनसातिदूराम् ॥ 4 ॥

प्रातर्वदामि ललिते तव पुण्यनाम
कामेश्वरीति कमलेति महेश्वरीति ।
श्रीशाम्भवीति जगतां जननी परेति
वाग्देवतेति वचसा त्रिपुरेश्वरीति ॥ 5 ॥

यः श्लोकपञ्चकमिदं ललिताम्बिकायाः
सौभाग्यदं सुललितं पठति प्रभाते ।
तस्मै ददाति ललिता झटिति प्रसन्ना
विद्यां श्रियं विमलसौख्यमनन्तकीर्तिम् ॥

यह भी पढ़ें :

Sudarshana ashtottara sata nama stotram | सुदर्शन अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

Mukunda mala stotram | मुकुन्दमाला स्तोत्रम्

Maha vishnu stotram garudagamana tava | महा विष्णु स्तोत्रम् – गरुडगमन तव

सुन्दरकाण्ड (Sundarkand) 

बजरंग वाण (Bajrang Baan)

हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)

Murari pancha ratna stotram | मुरारि पञ्च रत्न स्तोत्रम्

Tripura Sundari Ashtakam | त्रिपुर सुन्दरी अष्टकं

Devi bhujanga stotram | देवी भुजङ्ग स्तोत्रं

Soundarya lahari | सौन्दर्य लहरी

Bhavani bhujanga prayata stotram | भवानी भुजङ्ग प्रयात स्तोत्रं

क्या कहती है Wikipedia भगवान विष्णु के बारे में

Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x