चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् ।
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ (2)
रत्नसानु शरासनं रजताद्रि शृङ्ग निकेतनं
शिञ्जिनीकृत पन्नगेश्वर मच्युतानल सायकम् ।
क्षिप्रदग्द पुरत्रयं त्रिदशालयै-रभिवन्दितं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 1 ॥
पञ्चपादप पुष्पगन्ध पदाम्बुज द्वयशोभितं
फाललोचन जातपावक दग्ध मन्मध विग्रहम् ।
भस्मदिग्ध कलेबरं भवनाशनं भव मव्ययं
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ 2 ॥
मत्तवारण मुख्यचर्म कृतोत्तरीय मनोहरं
पङ्कजासन पद्मलोचन पूजिताङ्घ्रि सरोरुहम् ।
देव सिन्धु तरङ्ग श्रीकर सिक्त शुभ्र जटाधरं
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् ॥ 3 ॥
यक्ष राजसखं भगाक्ष हरं भुजङ्ग विभूषणम्
शैलराज सुता परिष्कृत चारुवाम कलेबरम् ।
क्षेल नीलगलं परश्वध धारिणं मृगधारिणम्
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् ॥ 4 ॥
कुण्डलीकृत कुण्डलीश्वर कुण्डलं वृषवाहनं
नारदादि मुनीश्वर स्तुतवैभवं भुवनेश्वरम् ।
अन्धकान्तक माश्रितामर पादपं शमनान्तकं
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ 5 ॥
भेषजं भवरोगिणा मखिलापदा मपहारिणं
दक्षयज्ञ विनाशनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम् ।
भक्ति मुक्ति फलप्रदं सकलाघ सङ्घ निबर्हणं
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ 6 ॥
भक्तवत्सल-मर्चितं निधिमक्षयं हरिदम्बरं
सर्वभूत पतिं परात्पर-मप्रमेय मनुत्तमम् ।
सोमवारुण भूहुताशन सोम पाद्यखिलाकृतिं
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् ॥ 7 ॥
विश्वसृष्टि विधायकं पुनरेवपालन तत्परं
संहरं तमपि प्रपञ्च मशेषलोक निवासिनम् ।
क्रीडयन्त महर्निशं गणनाथ यूथ समन्वितं
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥ 8 ॥
मृत्युभीत मृकण्डुसूनुकृतस्तवं शिवसन्निधौ
यत्र कुत्र च यः पठेन्न हि तस्य मृत्युभयं भवेत् ।
पूर्णमायुररोगतामखिलार्थसम्पदमादरं
चन्द्रशेखर एव तस्य ददाति मुक्तिमयत्नतः ॥ 9 ॥
यह भी पढ़ें :
जय शिव /शंकर जी की आरती ( Jai Shiv/Shankar Ji Ki Aarti)
शिव ताण्डव स्तोत्रम्(Shiva Tandav Stotram)
शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् (Shiva Panchakshara Stotram)
शिवरामाष्टकस्तोत्रम् (Shiva Ramashtakam Stotram)
शिव मृत्युञ्जय स्तोत्रम् (Shiva Mrityunjaya Stotram)
गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)
शिवरक्षास्तोत्रम् (Shiva Raksha Stotram)