विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर भक्तगण श्रद्धा पूर्वक श्री विश्वकर्मा आरती (Shree Vishwakarma Aarti) गाते हैं और अपनी कला, उद्योग, व व्यवसाय में उन्नति की कामना करते हैं। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के महान शिल्पकार और देवताओं के दिव्य वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है। वे सभी यंत्रों, शिल्प, और निर्माण कार्यों के अधिष्ठाता देव माने जाते हैं।

श्री विश्वकर्मा आरती (Shree Vishwakarma Aarti lyrics)
प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो प्रभु विश्वकर्मा।
सुदामा की विनय सुनीऔर कंचन महल बनाये।
सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुख टारे॥
प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
विनय करी भगवान कृष्ण ने द्वारिकापुरी बनाओ।
ग्वाल बालों की रक्षा की प्रभु की लाज बचायो॥
प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
रामचन्द्र ने पूजन की तब सेतु बांध रचि डारो।
सब सेना को पार किया प्रभु लंका विजय करावो॥
प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
श्री कृष्ण की विजय सुनो प्रभु आके दर्श दिखावो।
शिल्प विद्या का दो प्रकाश मेरा जीवन सफल बनावो॥
प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवो…॥
श्री विश्वकर्मा आरती (Shree Vishwakarma Aarti) को गाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। भगवान विश्वकर्मा की कृपा से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और उन्नति का संचार होता है।
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