परिचय :
श्री खाटू श्याम जी की आरती (Khatu Shyam Arti) भक्तों द्वारा प्रेम और श्रद्धा के साथ गाई जाती है। यह आरती भगवान श्रीकृष्ण के अवतार माने जाने वाले खाटू श्याम जी को समर्पित है। आरती में उनकी महिमा, करुणा और भक्ति का गुणगान किया जाता है।खाटू श्याम जी को कलियुग के देवता माना जाता है, जिनकी पूजा विशेष रूप से राजस्थान के खाटू नगरी में होती है। आरती के दौरान भक्त “जय श्री श्याम” के जयकारे लगाते हैं और भक्ति भाव से दीप जलाकर प्रभु की आराधना करते हैं।यह आरती श्रद्धालुओं को सकारात्मक ऊर्जा, शांति और आशीर्वाद प्रदान करती है।

श्री खाटू श्याम जी की आरती (Khatu Shyam Arti lyrics)
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे।
ॐ जय श्री श्याम हरे।
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