परिचय :
संतोषी माता की आरती (Santoshi Mata Ki Arti) में संतोषी माता की महिमा का गुणगान किया गया है। यह आरती संतोषी माता के भक्तों द्वारा शुक्रवार के व्रत और पूजन के समय गाई जाती है। इसमें माता के करुणामय स्वरूप, उनकी कृपा, दया और भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने की शक्ति का वर्णन किया गया है।
संतोषी माता को संतोष और सुख-शांति प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। जो भक्त श्रद्धा और विश्वास से उनकी आराधना करते हैं, उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि, संतोष और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
इस आरती का गायन करने से माता की कृपा प्राप्त होती है, सभी कष्ट दूर होते हैं, और भक्त के जीवन में शांति एवं आनंद का संचार होता है।

संतोषी माता की आरती (Santoshi Mata Ki Arti lyrics)
जय मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।
मैया जय सन्तोषी माता ।
सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो,
मैया माँ धारण कींहो,
हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो,
मैया जय सन्तोषी माता ।
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे,
मैया बदन कमल सोहे,
मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे,
मैया जय सन्तोषी माता ।
स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे,
मैया चँवर डुले प्यारे,
धूप दीप मधु मेवा, भोज धरे न्यारे,
मैया जय सन्तोषी माता ।
गुड़ और चना परम प्रिय ता में संतोष कियो,
मैया ता में सन्तोष कियो,
संतोषी कहलाई भक्तन विभव दियो,
मैया जय सन्तोषी माता ।
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सो ही,
मैया आज दिवस सो ही,
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मो ही,
मैया जय सन्तोषी माता ।
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई,
मैया मंगल ध्वनि छाई,
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई,
मैया जय सन्तोषी माता ।
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै,
मैया अंगीकृत कीजै,
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै,
मैया जय सन्तोषी माता ।
दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये,
मैया संकट मुक्त किये,
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये,
मैया जय सन्तोषी माता ।
ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो,
मनवाँछित फल पायो,
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो,
मैया जय सन्तोषी माता ।
चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे,
मैया रखियो जगदम्बे,
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे,
मैया जय सन्तोषी माता ।
सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे,
मैया जो कोई जन गावे,
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे,
मैया जय सन्तोषी माता ।
यह भी पढ़ें :
संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa)
ऋणमुक्ति श्री गणेश स्तोत्रम् (Rinmukti Ganesha Stotram)
श्री हरि स्तोत्रम् (Shri Hari Stotram)
शिव मृत्युञ्जय स्तोत्रम् (Shiva Mrityunjaya Stotram)
श्री ब्रह्मा जी आरती (Shree Brahma Ji Ki Aarti)