गंगा मैया की आरती (Ganga Maiya Ki Aarti) में माँ गंगा की महिमा का गान किया गया है । गंगा को भारत में अत्यंत पवित्र एवं पूजनीय माना गया है । माना जाता है कि माँ गंगा जीवनदायिनी तो है ही साथ हमारे पापों का नाश भी करती है । इस आरती को गंगा सप्तमी, गंगा दशहरा और माँ गंगा से जुड़े अन्य महत्त्वपूर्ण अवसरों पर गाया जाता है ।

ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ।
चंद्र सी जोत तुम्हारी,
जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी,
सो नर तर जाता ।
ॐ जय गंगे माता ।
पुत्र सगर के तारे,
सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता ।
ॐ जय गंगे माता ।
एक ही बार जो तेरी,
शरणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर,
परमगति पाता ।
ॐ जय गंगे माता ।
आरती मात तुम्हारी,
जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में,
मुक्त्ति को पाता ।
ॐ जय गंगे माता ।
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ।
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
यह भी पढ़ें :
हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)
श्री नृसिंह भगवान की आरती (Shree Narsinh Bhagwan Ji Ki Aarti)
श्री सत्यनारायणजी आरती (Shree Satyanarayan Ji Ki Aarti)
यमुना अष्टकम (Yamuna Ashtakam)
श्री विष्णु दशावतार स्तोत्रम् (Shri Vishnu Dashavatara Stotram)
श्री बजरंग बाण (Shree Bajrang Baan)
श्री सङ्कटनाशन गणेश स्तोत्रम् (Sankatanashana Ganesha Stotram)