Parshuram Aarti | परशुराम आरती

परिचय :

श्री परशुराम जी की आरती (Parshuram Aarti) श्रद्धा और भक्ति भाव से गाई जाती है, जिसमें उनके पराक्रम, ज्ञान और न्यायप्रियता का गुणगान किया जाता है। वे भगवान विष्णु के छठे अवतार और शस्त्र-विद्या के महान आचार्य माने जाते हैं।परशुराम जी की आरती करने से शौर्य, साहस और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। आरती के दौरान भक्त दीप जलाकर, मंत्रोच्चार करते हुए भगवान परशुराम का स्मरण करते हैं, जिससे जीवन में आत्मबल, संकल्प शक्ति और विजय प्राप्त होती है।

Parshuram Aarti

श्री परशुराम जी की आरती (Shree Parshuram ji ki Aarti lyrics)

ॐ जय परशुधारी,स्वामी जय परशुधारी।

सुर नर मुनिजन सेवत,श्रीपति अवतारी॥

ॐ जय परशुधारी…॥

जमदग्नी सुत नर-सिंह,मां रेणुका जाया।

मार्तण्ड भृगु वंशज,त्रिभुवन यश छाया॥

ॐ जय परशुधारी…॥

कांधे सूत्र जनेऊ,गल रुद्राक्ष माला।

चरण खड़ाऊँ शोभे,तिलक त्रिपुण्ड भाला॥

ॐ जय परशुधारी…॥

ताम्र श्याम घन केशा,शीश जटा बांधी।

सुजन हेतु ऋतु मधुमय,दुष्ट दलन आंधी॥

ॐ जय परशुधारी…॥

मुख रवि तेज विराजत,रक्त वर्ण नैना।

दीन-हीन गो विप्रन,रक्षक दिन रैना॥

ॐ जय परशुधारी…॥

कर शोभित बर परशु,निगमागम ज्ञाता।

कंध चाप-शर वैष्णव,ब्राह्मण कुल त्राता॥

ॐ जय परशुधारी…॥

माता पिता तुम स्वामी,मीत सखा मेरे।

मेरी बिरद संभारो,द्वार पड़ा मैं तेरे॥

ॐ जय परशुधारी…॥

अजर-अमर श्री परशुराम की,आरती जो गावे।

‘पूर्णेन्दु’ शिव साखि,सुख सम्पति पावे॥

ॐ जय परशुधारी…॥

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क्या कहती है wikipedia परशुराम जी के बारे में

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