Mon. Oct 13th, 2025

Totakashtakam | तोटकाष्टकम्

विदिताखिल शास्त्र सुधा जलधे
महितोपनिषत्-कथितार्थ निधे ।
हृदये कलये विमलं चरणं
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 1 ॥

करुणा वरुणालय पालय मां
भवसागर दुःख विदून हृदम् ।
रचयाखिल दर्शन तत्त्वविदं
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 2 ॥

भवता जनता सुहिता भविता
निजबोध विचारण चारुमते ।
कलयेश्वर जीव विवेक विदं
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 3 ॥

भव ऎव भवानिति मॆ नितरां
समजायत चेतसि कौतुकिता ।
मम वारय मोह महाजलधिं
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 4 ॥

सुकृतेऽधिकृते बहुधा भवतो
भविता समदर्शन लालसता ।
अति दीनमिमं परिपालय मां
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 5 ॥

जगतीमवितुं कलिताकृतयो
विचरन्ति महामाह सच्छलतः ।
अहिमांशुरिवात्र विभासि गुरो
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 6 ॥

गुरुपुङ्गव पुङ्गवकेतन ते
समतामयतां न हि कोऽपि सुधीः ।
शरणागत वत्सल तत्त्वनिधे
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 7 ॥

विदिता न मया विशदैक कला
न च किञ्चन काञ्चनमस्ति गुरो ।
दृतमेव विधेहि कृपां सहजां
भव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 8 ॥

यह भी पढ़ें :

जय शिव /शंकर जी की आरती ( Jai Shiv/Shankar Ji Ki Aarti)

शिव ताण्डव स्तोत्रम्(Shiva Tandav Stotram)

शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् (Shiva Panchakshara Stotram)

Kalabhairava Ashtakam | कालभैरवाष्टकम्

शिव अष्टोत्तर शत नामावलि (Shiva Ashtottara Sata Namavali)

Chandrasekhara Ashtakam | चन्द्रशेखराष्टकम्

शिवरक्षास्तोत्रम् (Shiva Raksha Stotram)

बिल्वाष्टकम् (Bilvaashtakam)

काशी विश्वनाथाष्टकम् (Kasi Vishwanathashtakam)

क्या कहती है wikipedia भगवान शिव के बारे में

Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x